Tuesday, September 13, 2011

सफल हुयी कोशिशें-कबूल हुई दुआएं


17 भारतीय की रिहाई के बाद परिवारों में ख़ुशी की लहर
 अमृतसर से गजिंदर सिंह किंग     
2009 में पकिस्तान के नागरिक की हत्या के आरोप में फसे 17 भारतीय की रिहाई को मंजूरी मिल गयी है, आज जब शारजाह की अदालत में इन की रिहाई हुई तब इन के परिवारों में ख़ुशी की लहर पैदा हो गई, वहीँ  17 भारतीयों में एक का नाम है राम सिंह जो इन 17  भारतीयों में से एक है. 

राम सिंह का परिवार जिन के चेहरे पर आज एक अलग सी ख़ुशी की लहर पैदा हुई है, क्यों कि आज इन का बेटा मौत के मुह से बाहर आया है, दरअसल पाकिस्तान नागरिक की हत्या के आरोप में 17 भारतीयो नागरिक को मौत की सजा सुनायी गयी थी, लेकिन आज रिहाई ने एक माँ की ममता का आँचल भर दिया है, राम सिंह के पिता पंजाब पुलिस में हवालदार है और उन्होंने आपने बेटे को कमाई के लिए विदेश भेजा था, लेकिन दुबई पहुँचने के 6 महीने के बाद उन का बेटा लापता हो गया, वहीँ कड़ी मुश्कत के बाद उन को जब पता चला, कि उन के बेटे पर हत्या का मामला दर्ज हुआ है, तब से ले कर आज तक इस परिवार में गम का माहौल छाया हुआ था, लगभग डेढ़ साल से यह परिवार एक ऐसे डर में जी रहा था, जिस की कल्पना भी नहीं की जा सकती, लेकिन आज एक रिहाई के सन्देश ने इस परिवार में एक नई उम्मीद पैदा कर दी है, राम सिंह के पिटा मलकीत सिंह का कहना  है, कि जब उन को पता चला कि उन का बेटा जेल में है, उन्होंने आपने दूसरे बेटे गुरनाम सिंह  को भी वहां भेज दिया कि शायद वह उस के बेटे को बचा सके, लेकिन शारजाह की अदालत के ताना शाही क़ानून के आगे उस की कुछ न चल सकी, लेकिन आज दुबई में भारतीय मूल के एस.पी.एस. ओबराय के पर्यटन से अब उन का बेटा वापिस आ रहा है, वहीँ उनके परिवार को आज बहुत ख़ुशी है और आज वाहेगुरु के आगे अरदास कर आपने बेटे की अच्छी जिन्दगी के लिए दुआ माँगी, यह ही नहीं ख़ुशी में उन्होंने आज लडू बाँट  कर आपनी ख़ुशी ज़ाहिर की.

वहीँ एक माँ आज आपने बेटे की तस्वीर को देख कर खुश है और आज आपने बेटे की तस्वीर से प्यार कर रही है, इस दौरान राम सिंह मी माँ  गुरजीत  कौर का कहना है कि आज फिर मेरे बेटे का जन्म हुआ है  और आज जब उस की रिहाई की खबर आई है,  उन के लिए आज यह सब से बड़ा दिन है और अब वह अपने घर वापिस आ रहा है, यह ख़ुशी उस के जन्म से भी ज्यादा है और बेटे के घर आने पर उस के लिए सुन्दर सुन्दर खाना बनाएगे, उसके स्वागत के लिए घर में आतिशबाजी चलाएंगे और गुरु घर में जा कर वाहेगुरु का आशीर्वाद लेगे, और अब उस की हसरत है कि उसका बेटा जल्द से जल्द घर आए.

      फिलहाल इस रिहाई के संदेश ने आज जहाँ इन् 17 परिवारों में एक खुशी की लहर पैदा हुई है, लेकिन अब एक सवाल यह पैदा होता है, कि क्या विदेश में भारतीय कितने सुरक्षित है, जहाँ इस तरह के तुगल्की फरमान किस तरह से इन् 17 भारतियों की जिन्दगी मुश्किल में डाल देती है.

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