Tuesday, August 23, 2011

स्वतंत्रता सेनानीयों के परिवार भी उतरे अन्ना हजारे के समर्थन में

अमृतसर से गजिंदर सिंह   
अन्ना के समर्थन में जुड़ने वालों की संख्या दिन प्रति दिन बढती जा रही है, अब इस समर्थन में स्वतंत्रता सेनानी के परिवार भी जुड़ गए है, जिन लोगों ने देश के लिए आपनी जिन्दीया लूटा दी, वह लोग भी आज परिवार सहित देश के सब से बड़े शहीदो की जगह जालिया वाले बाग़ में अन्ना हजारे के समर्थन में सामने आये
      हाथों में झंडे लिए देश के सब से बड़े शहीदो की जगह जालिया वाले बाग़ में अन्ना हजारे का समर्थन कर रहे वह लोग  जिन के परिवार का कोई न कोई सदस्य देश के लिए  कुर्बान हुआ है और वह  स्वतंत्रता सेनानी  के परिवार जालिया वाले बाग़ पहुंचे और उन्होंने अन्ना के समर्थन में नारे लगा लगा कर  समर्थन दिया,  स्वतंत्रता सेनानी और उसके परिवार जनों  का कहना है, कि 74 साल के अन्ना हजारे ने जो सघर्ष शुरू किया है, वह उनके साथ है और लोक पाल बिल बारे उन्होंने कहा, कि  लोक पाल बिल का जो सपना अन्ना हजारे ने देखा है,  वह पूरा होना चाहिए, उन्होंने कहा, कि हमारे परिवार का कोई न कोई सदस्य देश के लिए कुर्बान हुआ है और हम चाहते है, कि जो शहीदी हमारे परिवार के पूर्वजों ने देश की आजादी के लिए दी है उसका मकसद पूरा होना चाहिए. देश पूरी तरह से खुशहाल होना चाहिए. 
उस की आजादी हमे मिलनी चाहिए, इसलिए उस आजादी के लिए वह अन्ना हजारे के साथ है, भ्रष्टाचार के बारे उन्होंने कहा, कि  भ्रष्टाचार आज देश को गुलामी की जंजीरों में जकड़ चूका है और  भ्रष्टाचार को मिटाने के लिए हमारा खून का एक एक कतरा अन्ना हजारे के साथ है, उन्होंने शयरी के साथ आपने आप को अन्ना के साथ जोड कर आपने आप को अन्ना प्रति समर्पित किया
     वहीँ स्वतंत्रता सेनानी  के बुजुर्ग परिवार के जोश से एक बात तो साफ़ दिखाई देती है, कि अन्ना के लोक पाल बिल को ले कर हर वर्ग का बच्चे से लिकर बूढ़े तक का व्यक्ति अन्ना के साथ है, अब देखना यह होगा, कि यह आम जनता की ताकत सरकार को लोक पाल बिल पास करवाने में कितनी सहायक सिद्ध होती है  गौरतलब है की लोकपाल के आ जाने से भ्रष्टाचार की गंभीर समस्या हल हो पायेगी  या नहीं इसे लेकर अभी भी सभी एकमत  तो नहीं हुए लेकिन देश की जनता ने सड़कों पर एकजुट होने का नया रिकार्ड जरूर कायम किया है. अस्भी वर्गों के लोग खुल कर सड़कों पर उतर आये हैं. उज इस बात का संकेत भी है की शायद अब लोगों के पास इसके सिवा कोई शांतमयी चारा भी.नहीं बचा..