Sunday, August 07, 2011

मजबूरी और लाचारी को हिम्मत में बदल रही नोबल फाऊंडेशन

लुधियाना : जब एक तरफ कुछ लोग घोटाले कर रहे हैं, देश और देश की जनता को लूट कर उसे लगातार खोखला करने में व्यस्त हैं और बहुत से दूसरे लोग तमाशबीन बने हैं या फिर इस पर हो हल्ला करके अपनी सयासी रोटियां सेंक रहे हैं;  वहीँ वक्त की नजाकत को समझाते हुए एक संगठन चुपचाप देश और दुनिया के भविष्य का निर्माण करने में लगा है. आज आपकी मुलाकात करवाते हैं हम नोबल फाऊंडेशन से जिस ने संकल्प लिया है मजबूरियों  और लाचारियों को शक्ती में बदलने का.   
 शायद आपको यकीन न हो लेकिन यह सत्य है. उस मासूम बच्ची की दिनचर्या बस यही बन गयी थी. सुबह उठना तो बस एक ही काम सूझता....भीख माँगना.....और यह सिलसिला सुबह से शुरू हो  कर देर रात तक चलता. बरसों बीत गए. बचपन का एक बहुत बड़ा हिस्सा बस यूं ही खो गया. शायद बाकी की ज़िंदगी भी इसी तरह खो जाती लेकिन इसे इतिफाक कहिये या किस्मत कि अचानक नोबल फाऊंडेशन की नज़र इन बच्चों पर पड़ी. बस इन बच्चों की ज़िंदगी संवर गयी. यह सन्गठन बाकायदा स्कूल खोल कर इन बच्चों को पढाता है. इसी अभियान में इस संगठन ने अपना १२वां स्कूल खोला भाई रंधीर सिंह नगर के जाने माने दुर्गा माता मन्दिर में. वहां ज़िंदगी कैसे बदलती है..चलिए और एक नज़र देखिये  इस स्कूल को. wahan सुनिये कि बच्चे क्या कहते हैं. कल तक वहीं मन्दिर के पास भीख मांगने वाली  बबीता अब कितनी बदल चुकी है. वही बबीता
 जिसे नयी ज़िंदगी मिली 
 इसी तरह हमने एक और बच्ची से भी बात की. उसका नाम है शन्नो. 
 इस बच्ची को भी यहीं से मिली नयी ज़िंदगी. अब सारा मकसद बदल गया. एक नयी ऊर्जा और नए लक्ष्य की तरफ बढती हुई शन्नो.
यह प्रोजेक्ट लुधियाना से बाहर भी सरगरम है.
इस सारे प्रोजेक्ट को  चला रहे हैं यहीं के राजिंदर शर्मा...इसे एक इबादत औरसबसे आवश्यक फर्ज़ समझ कर.हमें उनसे भी इस पर बात की.
राजिंदर शर्मा संचालक हैं लेकिन पूरी तरह विनम्र. 
गरीबी, मजबूरी और दुःख दर्द के काली दौर सुनहरी उजाले मों बदलने का यह अभियान आपको कैसा लगा? अच्छा है न...तो आप भी जुड़िये इस अभियान के साथ.  
 गत अप्रैल महीने में जलालाबाद के स्थानीय हनुमान मंदिर समीप मां शारदा विद्यापीठ की ओर से भी स्कूल के प्रांगण में एक सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें नोबल फाऊंडेशन लुधियाना से रजिन्द्र कुमार शर्मा ने विशेष तौर पर शिरकत की. इसके अलावा समारोह में पहुंचे मदन लाल गुम्बर, मथरा दास वाट्स, अशोक अनेजा, राकेश उतरेजा, पुरुषोत्तम बजाज, कृष्ण कुमार शास्त्री, राकेश गांधी, रंजीव दहूजा, राकेश कुक्कड़, सुधीर धूडिय़ा, देस राज गांधी, रिन्कु मिड्डा, लाडी आदि ने स्कूल के ६० बच्चों को बैग व पुस्तकें वितरित कीं. अपने संबोधन में अशोक अनेजा पूर्व नगर कौंसिलाध्यक्ष जलालाबाद ने कहा कि नोबल फाऊंडेशन व श्री महादेव मानव सेवा समिति की ओर से जरूरतमंद बच्चों को शिक्षा प्रदान करने का किया जा रहा कार्य सराहनीय है और हर व्यक्ति को इसमें अपना योगदान डालना चाहिए. आब आप फैसला करें कि कब अपने कदम बढ़ा रहे हैं इस अभियान की तरफ.--रेक्टर कथूरिया 

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