अमृतसर से गजिंदर सिंह किंग
अमृतसर भारत के दस माँडल रेलवे स्टेशनों में से एक है और रेलवे प्रशासन यहाँ पर अंतर-राष्ट्रीय स्तर की सुविधाएँ देने का दम भरता है, लेकिन यहाँ की जमीनी हकीकत कुछ और है, आईये दिखाते हैं आपको यहाँ का नजारा जिसे देख कर आप भी हैरान रह जायेंगे.आप भी सोचने लगेंगे कि क्या यही है आघुनिक भारत का अमृतसर रेलवे स्टेशन .
यह है अमृतसर का रेलवे स्टेशन, और यह है इसके नहर का नजारा, आप इसे देख कर ही समझ गए होंगे कि यहाँ पर क्या हुआ होगा, जी हाँ अमृतसर और इसके आस-पास के इलाको में आज सुबह बारिश हुई और यहाँ पर बारिश रुकने के बाद भी यहाँ ऐसा लगता है, कि यहाँ पर बारिश नहीं हुई, बल्कि सैलाब आया है, घुटनों तक खड़ा पानी इस बात का गवाह है, आइये अब हम स्टेशन के अंदर चलते हैं, यह है अमृतसर के माँडल रेलवे स्टेशन के अंदर बना यात्रियों के लिए प्रतीक्षा घर, जो आज एक छलनी की तरह पानी टपक रहा है, यहाँ पर कभी यात्रियों के बैठने की पूरी सुविधा होती थी, लेकिन आज यह पूरी तरह खाली है, इक्का-दुक्का ही यात्री नजर आ रहे हैं, क्यों कि बारिश के कारण छत से टपक-टपक कर यहाँ नीचे पानी इकट्ठा होकर खड़ा हुआ है, आइए अब दिखाते हैं, अमृतसर के माँडल रेलवे स्टेशन की वह रेल पटरियां जहाँ
से रोजाना दर्जनों ट्रेने भारत के विभिन्न राज्यों और शहरों के लिए रवाना होती है, पानी से भरी पटरियां आपके सामने हैं और इसकी हकीकत क्या है, इसका अंदाजा आप बखूबी लगा सकते हैं, इस बारे में जब यहाँ पर खड़े एक यात्री से बात की गयी तो उन्होंने बताया, कि यहाँ पर आप खुद ही देख सकते हैं, कि अमृतसर के माँडल स्टेशन का क्या हाल है और इस बारे में उन्होंने कई बार अधिकारीयों से बात भी की है, लेकिन कोई सुनवाई नहीं करता.
उधर जब हमने यहाँ आ रही एक ट्रेन का में चड़ने-उतरने वाले यात्रियों की धक्का-मुक्की देखी तो हमें कुछ इस तरह दिखाई दिया, कि अमृतसर स्टेशन के प्लेटफार्म पर आती हुई ट्रेन और इस चलती ट्रेन में सवार होने के लिए लोगों की भाग-दौड़ और धक्का-मुक्की आप खुद ही देख लीजिये,
लोग इस ट्रेन से आने वाली सवारी को उतरने का मौका दिए बिना ही धक्का-मुक्की कर इसमें सवार हो रहे हैं. चाहे इस धक्का-मुक्की में किसी को चोट लग जाए या किसी की जन चली जाए, इसकी किसी को कोई प्रवाह नहीं, उधर आज फिरोजपुर रेलवे डिवीजन के आला-अधिकारी एम.एम.सिंह मीना आज इस माँडल रेलवे स्टेशन के दौरे पर अमृतसर पहुंचे और जहाँ पर रेलवे स्टेशन का दौरा कर जायजा लिया, जब इस मामले में उनसे बात की गयी, तो उनका कहना था, कि यह रोटीन चेकिंग है और जब उनसे पूछा गया, कि बाहर और अंदर रेलवे की पटरियों पर पानी भरा हुआ है, तो उन्होंने इस मामले से अपना पल्ला झाड़ते हुए कहा, कि अमृतसर का रेलवे स्टेशन निचली जगह पर बना हुआ है,. इसलिए यहाँ पर यह सीवरेज की समस्या है, रेलवे के टूटे शेडो पर बात करते हुए उनका कहना है, कि इस समस्या को जल्द ही हाल करवा दिया जायेगा.
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