Saturday, August 20, 2011

शिरोमणि कमेटी चुनावों के लिए पंथक एजेंडा जारी


शिरोमणि कमेटी धार्मिक एवं शैक्षणिक क्षेत्र के साथ साथ सामाजिक बुराईयों के खिलाफ भी आरम्भ करेगी अभियान-मुख्यमंत्री बादल
लोंगोवाल/चंडीगढ़, 20 अगस्त:

शिरोमणि अकाली दल के संरक्षक और पंजाब के मुख्यमंत्री स. प्रकाश सिंह बादल ने समस्त खालसा पंथ को पुरजोर अपील की कि जुगो-जुग अटल साहिब श्री अकाल तख्त साहिब की सर्वोच्चता बनाये रखने, सिक्ख गुरू धामों की बेहतर सेवा संभाल, सिक्ख शैक्षणिक और अन्य संस्थानों को विश्व स्तरीय बनाने और पंथ विरोधियों को करारी हार देने के लिए शिरोमणि गुरूद्वारा पंथक कमेटी के चुनावों में शिरोमणि अकाली दल और संत समाज के सांझे उम्मीदवारों को शान से जिताया जाए। 
महान शहीद संत हरचन्द सिंह लोंगोवाल की 26 वीं बरसी के अवसर पर लोंगोवाल में हुई एक महान शहीद समागम में शिरोमणि गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी की गौरवमयी कारगुजारी और भविष्य के कार्यक्रमों को दर्शाता किताबचा ‘‘पंथक एजेंडा ’’ जारी करते हुए स. बादल ने कहा कि सिक्ख गुरूधामों को महंतों के कब्जे से छुड़ाने और संगती प्रबंध लागू करने के लिए खालसा पंथ को बहुत बड़ी कुर्बानियां करनी पड़ी और बड़ी शहादतें भी देनी पड़ी। उन्होंने कहा कि ननकाना साहिब का साका, पंजा साहिब का साका, जैतों का मोर्चा, गुरू के बाग का मोर्चा और चाबियों का मोर्चा ऐसे ऐतिहासिक साके हैं जिनमें सैंकड़ों सिंह शहीद हुए, हजारो सिक्ख जेलों में गये और बेहिसाब सिंहों ने बेतहाशा जुल्म सहा। उन्होंने कहा कि शिरोमणि अकाली दल को इस बात का गर्व है कि सन् 1920, जब यह कमेटी अस्तित्व में आई थी, से लेकर आज तक संगत ने सिक्खों की इस संसद की जिम्मेवारी इस पार्टी को दी है। 
यह एजेंडा जारी करते हुए स. बादल ने कहा कि यह बात जग जाहिर है कि शिरोमणि अकाली दल के अस्तित्व में आने से लेकर आजतक क ांग्रेस पार्टी ने हमेशा सिक्ख संस्थाओं और गुरूधामों पर कब्जा करने मेें असफल प्रयास किये हैं। 20 पृष्ठों के इस रंगदार किताबचे में शिरोमणि कमेटी की गत् 7 वर्ष और इससे पहले की मुख्य उपलब्धियों का जिक्र किया गया है। पंथक कमेटी के आरम्भ में प्रधान शिरोमणि अकाली दल स. सुखबीर सिंह बादल के तीन पृष्ठों के संदेश में जहां 21वीं सदी में सिक्ख कौम को पेश चुनौतियों का विस्तार में जिक्र किया गया है वहां मुगलों, अंग्रेज समा्रज्य और समय की कांग्रेस सरकारों द्वारा गुरूधामों पर हमले करने, प्रबंध को अपने कब्जे में लेने आदि ऐतिहासिक घटनाओं का विस्तार में वर्णन किया गया है। अपनी अपील में जहां स. सुखबीर सिंह बादल ने नशों विरूद्ध आवाज उठाने पर बल दिया, वहां उन्होंने प्रत्येक गुरूद्वारे के साथ एक अच्छा स्कूल, अच्छा अस्पताल और एक अच्छा खेल का मैदान बनाने के लिए भी कहा। उन्होंने भ्रूण हत्या रोकने के लिए और वातावरण को संभाल कर रखने की महत्तता का भी विस्तार में जिक्र किया। 
किताबचे में अन्य विस्तार में जाते हुए स. प्रकाश सिंह बादल ने बताया कि इस पंथक एजेंडे में संगतों की जानकारी के लिए शिरोमणि गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी द्वारा चलाये जा रहे 110 शैक्षणिक संस्थानों की तस्वीरों सहित प्रमाणिक विवरण दिया गया है। उन्होंने कहा कि आज 74745 बच्चे इन संस्थानों में विद्या हासिल कर रहें हैं जोकि समाज की बहुत बड़ी सेवा है। उन्होंने बताया कि सिक्ख कौम के लिए सबसे बड़ी सौभाग्य की बात श्री गुरू ग्र्रंथ साहिब विश्व यूनीवर्सिटी की स्थापना है जिसके लिए शिरोमणि कमेटी बधाई की पात्र है। उन्होंने कहा कि शिरोमणि कमेटी द्वारा चलाये जा रहे सभी चिकित्सा कालेज, डैंटल कालेज, इंजीनियरिंग कालेज, पॉलीटैकनीक कालेज, नर्सिंग कालेज और इसके अतिरिक्त 31 डिग्री कालेजों एवं 71 स्कूलों और कालजीएट स्कूलों के चित्र सहित प्रमाणिक ब्यौरा इस किताबचे में दिया गया है। उन्होंने कहा कि सिक्ख संगत की सुविधा के लिए शिरोमणि कमेटी द्वारा विभिन्न गुरूद्वारा साहिबानों में बनाई गई खूबसूरत एवं आरामदेह सरांओं का भी इसमें विशेष ब्यौरा उपलब्ध करवाया गया है। स. बादल ने कहा कि श्री दरबार साहिब से गुरूवाणी कीर्तन का सीधा प्रसारण आरम्भ करके कमेटी ने सिक्ख कौम की लम्बे समय की मांग को पूरा किया है। 

स. बादल ने आगे बताया कि यह बहुत गर्व वाली बात है कि शिरोमणि कमेटी द्वारा सिक्ख धर्म के प्रचार एवं प्रसार के लिए 11 सिक्ख मीशनों और 13 गुरमत विद्यालयों सहित पांच अन्य सिक्ख मिशनरी के ंद्रो की स्थापना की गई है। उन्होंने बताया कि कमेटी द्वारा सिक्ख धर्म के प्रचार एवं प्रसार के लिए इंटरनैट एवं अन्य आधुनिक प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल आरम्भ किया जाना भी अच्छा उद्यम है। शिरोमणि कमेटी के भविष्य के  एजेंडे की बात करते हुए स. बादल ने कहा कि शिरोमणि कमेटी द्वारा भविष्य में शैक्षणिक लहर को और मज़बूत करने के साथ साथ सामाजिक समस्याएं जैैसे की भ्रूण हत्या, नशों के खिलाफ अभियान आरम्भ करने की योजनाएं भी समाज सुधार की दिशा में अह्म कदम साबित होंगी। उन्होंने कहा कि जत्थेदार गुरचरण सिंह टोहरा के नाम पर इंस्टीच्यूट ऑफ एैडवांस स्टडीज इन सिक्खीज्म के निर्माण और श्री गुरू ग्रंथ साहिब का प्रवानित टीका तैयार करने के कार्यो से सिक्ख धर्म परपक्वता की लहर और मज़बूत होगी। उन्होंने बताया कि शिरोमणि कमेटी द्वारा आने वाले समय में शिरोमणि मार्किट, श्री अमृतसर में सौ करोड़ की लागत से सिक्ख इतिहास को दर्शाता लामिसाल म्यूज्यिम का निर्माण किया जाएगा और भाई गुरदास हाल के समीप 25 करोड़ रुपये की लागत से सारागढ़ी की सराह का निर्माण करने का कार्य आरंभ किए जा रहें हैं। श्री हरमंदिर साहिब में लंगर क ी ईमारत के नवीणीकरण का जिक्र करते हुए स. बादल ने बताया कि इस कार्य पर 20 करोड़ रुपये खर्च किए जांएगें। खालसाई खेलों के सफल आयोजन का जिक्र करते हुए स. बादल ने कहा कि खालसाई खेलों गुरू साहिबानों द्वारा बख्शीश की विलक्षण देन है और नवयुवा पीढ़ी को नशों से मोडक़र इन खेलों क ी सिखलाई हासिल करने के लिए प्रेरणा समय की मुख्य आवश्यकता है। 

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