Monday, August 01, 2011

कपूरथला में भी मनायी गयी तीज


सावन का महीना हो ओऊ पंजाब में तीज न मनायी जा रही हो यह कैसे हो सकता है ? गाँव गाँव में तीज का जोर है. सदियों पुरानी यह परम्परा आज भी कायम है. मानव तन और मन के गहरे विज्ञान को समेटे हुए यह परम्परा बहुत कुछ  कहती है, बहुत कुछ सिखाती है. इस विज्ञान का तत्व जिसे समझ में आ जाये वह फिर ज़िंदगी भर कभी कभीं भी कमज़ोर नहीं पड़ता. हर साल तीज के मौके पर तन और मन की इस अंतर शकिती को हर बार बढाने में मदद करता है सावन का महीना. इन्हीं कारणों से इस महीने में तीज का आयोजन जगह जगह होता है. मस्ती की इस परम्परा में शामिल होते हुए कपूरथला के श्री गुरु हरिकृष्ण पब्लिक स्कूल में भी तीज का त्योहार धूमधाम से मनाया गया प्रिंसीपल जसबीर वधवा के नेतृत्व में.हर तरफ एक उत्सव सा रंगीन माहौल था. हवा में भी एक अजीब सी मस्ती और  सुरीलापन आ गया था. गिद्धे की धमक ने कुछ देर के लिए सभी चितायों को भुला दिया था.  इस मौके पर स्कूल के बच्चों की ओर से पंजाबी सभ्याचार को दर्शाता रंगारंग कार्यक्रम पेश किया गया, जिसमें गीत, लोक गीत, स्किट आदि शामिल की गईं. समागम का मुख्य आकर्षण रहा मेहंदी लगाने का मुकाबला.इन मासूम हाथों पर लगी मेहंदी का रंग सभी को भा रहा था और एक संदेश भी दे रहा था कि ज़िन्दगी में रंग लाना हो तो इसी तरह पिसना भी पड़ता है जिस तरह मेहंदी पिसती है.. मुकाबले में चेतनजोत, प्रभलीन तथा लवप्रीत कौर ने प्रथम, द्वितीय तथा तृतीय स्थान जबकि दूसरे ग्रुप में मनप्रीत कौर प्रथम, रवनीत कौर द्वितीय व कर्मजीत कौर तृतीय स्थान पर रही. इसी तरह परमिंदर कौर को सांत्वना पुरस्कार से सम्मानित किया गया. समागम के अंत में छात्राओं ने गिद्दा पेश किया. इस मौके पर प्रिंसीपल जसबीर वधवा के अलावा जसविंदर सिंह, राजतिंदर कौर, नवरीत कौर, अंजू, हरदीप कौर, सुरिंदर कौर तथा बड़ी संख्या में स्कूल की छात्राएं भी उपस्थित थीं. इस जोश, मस्ती, रंगीनी और संगीत मई पलों के इस यादगारी आयोजन की छाप मन पर हमेशां के लिए बन गयी.---ब्यूरो रिपोर्ट 

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