Sunday, August 07, 2011

35 साल की नौकरी के बाद भी मास्टर मास्टर के रूप में ही रिटायर होता है


अमृतसर के शिक्षा विभाग के दफ्तर के सामने मास्टर कैडर ने किया रोष प्रदर्शन 
 अमृतसर से गजिंदर सिंह किंग:   
शिक्षा विभाग में पिछले लम्बे समय से पैंडिंग चली आ रही अपनी मांगो को लेकर मास्टर कैडर ने प्रशासन के खिलाफ अपना मोर्चा खोल दिया है, जिसके चलते इन मास्टर साहिबान ने अमृतसर के शिक्षा विभाग के दफ्तर के सामने अपना रोष प्रदर्शन कर एक रोष मार्च निकाला, इस रोष प्रदर्शन के चलते उन्होंने अमृतसर के शिक्षा विभाग के अधिकारी को अपना मांग-पत्र भी दिया 
          अपनी मांगो को लेकर प्रदर्शन कर रहे यह है शिक्षा विभाग के वह मास्टर जो कि बच्चों को शिक्षा का पाठ पढ़ाते है, लेकिन आज यह अमृतसर के शिक्षा विभाग के दफ्तर के सामने अपनी मांगो को लेकर प्रदर्शन कर रहे है, दरअसल इनका कहना है, कि मास्टर कैडर को तरक्की देने के लिए जो नीति सरकार ने बनाई है, 
वह गलत है, क्यों कि अपनी 35 साल की नौकरी करने के बाद एक मास्टर मास्टर के रूप में ही रिटायर हो जाता है, अमृतसर के  प्रेसिडेंट मास्टर काडर एसोसिएशन के  गुरप्रीत सिंह रिआर और अमृतसर के सेक्टरी मास्टर काडर एसोसिएशन के सुरिंदर सिंह ने आपनी मांग बारे जानकारी देते हुए बताया, कि सरकार उनको 9 साल के बाद अध्यापक बनाये और 14 साल के बाद हेड मास्टर बनाये, दूसरी उनकी मांग है, कि जो पे-कमिशन में उनके साथ खिलवाड़ हुआ है उसको दूर किया जाये और वह चाहते है, कि उनका म्यार सभी टीचर के बराबर हो, उनका कहना है, कि वह बच्चों को शिक्षा प्रदान करने में वह रीड की हड्डी है और उनके मयार को बाकी अध्यापको के बराबर करे, उनका कहना है, कि इससे शिक्षा का म्यार भी ऊँचा होगा
        वहीं इस मौके पर शिक्षा विभाग के उच्च-अधिकारी को उन्होंने अपना मांग-पत्र दिया और शिक्षा विभाग के अधिकारी अमृतसर जिला एजुकेशन ऑफिसर  जयदेव सिंह का कहना है कि वह इनकी मांगो का सरकार तक लेकर जाएंगे और सरकार इस का फैसला करेगी

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