Thursday, August 25, 2011

एसजीपीसी वोट बनवाने की तारीख अब 2 सितंबर तक


यदि किसी गैर
केशाधारी
 ने किया मतदान का प्रयास तो होगी तत्काल गिरफ्तारी 
 
चंडीगढ़ : सिखों के धार्मिक मामलों में बिना केश वाले लोगों के ज़रिये दखल अंदाजी की अशंकायों को पूरी तरह से विराम देते हुए अब गुरुद्वारा चुनाव कमीशन ने सखत शब्दों में स्पष्ट कर दिया है कि यदि पोलिंग बूथ पर किसी गैर केशधारी व्यक्ति को वोट डालने का प्रयास करते देखा गया तो उसे तत्काल गिरफ्तार कर लिया जाएगा और कानूनी कार्रवाई की जाएगी. अरोग ने स्पष्ट किया है कि शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के चुनावों के लिए सिर्फ केशधारी सिख ही वोट डाल सकेंगे. यह बात गुरुद्वारा चुनाव कमिश्नर सेवानिवृत्त जस्टिस एचएस बराड़ ने कही. गौरतलब है कि कई संगठन इस बात को लेकर लम्बे समय से संघर्ष करते आ रहे हैं कि उन लोगों को भी मतदान का अधिका दिया जाये जिन्हों ने दाड़ी या केश नहीं रखे हुए लेकिन वे पैदा हुए सिख घरों में और अपने नाम के साथ अभी भी सिख लिखते हैं. इस "अधिकार' लेकर चली बहस काफी पुराने है पर इसे कभी मान्यता नहीं मिल सकी कियोंकि  सिख धर्म में  केश रखना और अंतिम श्वास तक उनकी सम्भाल करना अवश्यक कर्तव्यों में शामिल है. इस तरह की मांगें करने वालर संगठन काफी समय मत बनाने में भी बहुत लम्बे से सक्रिय रहे हैं.  
गुरुद्वारा चुनाव कमिश्नर सेवानिवृत्त जस्टिस एचएस बराड़ ने इस तरह के मतों को पूरी तरह नकारते हुए  कहा है कि कोई भी गैर केशाधारे व्यक्ति मतदान कर ही नहीं सकेगा.  एक अन्य आदेश जारी करके उन्होंने यह भिओ स्पष्ट किया है कि अब वोट बनवाने की तारीख 2 सितंबर तक बढ़ा दी गई है. 
 
एसजीपीसी चुनावों में सुरक्षा का मुद्दा भी गंभीरता से लिया जा रहा है. इन चुनावों के दौरान गड़बड़ी रोकने के लिए केंद्रीय बलों की तैनाती राज्य सरकारों की मांग पर ही होगी. श्री बराड़ ने कहा कि सभी संबंधित राज्यों के चुनाव कमिश्नरों को स्पष्ट कर दिया है कि वोट डालने का अधिकार सिर्फ केशधारी सिखों को ही है. यदि इसका उल्लंघन होता है तो संबंधित व्यक्ति के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए और इसकी सूचना भी तुरंत दी जाए. हालांकि जस्टिस बराड़ ने महिलाओं द्वारा थ्रेडिंग वगैरह कराए जाने की बात पर कोई भी टिप्पणी करने से इंकार कर दिया. जस्टिस बराड़ ने बताया कि चुनाव के लिए पंजाब में 19, हरियाणा में 7, चंडीगढ़ व हिमाचल प्रदेश के लिए 1-1 चुनाव पर्यवेक्षकों की नियुक्ति कर दी गई है. अर्ध सैनिक बलों की तैनाती के बारे में पूछे गए प्रश्न के जवाब में जस्टिस बराड़ ने कहा कि चुनाव को शांति व निष्पक्षता से संपन्न करवाना राज्यों की जिम्मेवारी है, यदि राज्यों द्वारा मांग की जाएगी तभी केंद्रीय बलों की तैनाती की जाएगी. अब देखना यह है कि गैर केशाधारी और उनके समर्थक क्या रणनीती अपनाते हैं ?

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