Thursday, July 21, 2011

हांसी बुटाना पर सभी पार्टियों की मीटिंग बुलानी चाहिए--मनप्रीत बादल

हांसी-बुटाना नहर के विवाद पर पीपल पार्टी पंजाब सरकार के साथ खड़ी है
अमृतसर (गजिंदर सिंह)  पंजाब और हरियाणा के बीच पनपे हांसी-बुटाना नहर के विवाद पर पीपल पार्टी ऑफ़ पंजाब के मनप्रीत सिंह बादल ने कहा, कि वह पंजाब सरकार के साथ कंधे-से-कन्धा मिलकर खड़े हैं और इस मामले में पंजाब सरकार को सभी पार्टियों की मीटिंग बुलानी चाहिए, आने वाले पंजाब विधान सभा चुनाव में पंजाब और देश के बेहतर भविष्य के लिए पीपल पार्टी ऑफ़ पंजाब  BSP, CPI और CPM से हाथ मिला सकती है, इसका इशारा आज मनप्रीत सिंह बादल द्वारा आज अमृतसर में पत्रकारों के साथ हुई बातचीत में दिया गया, उन्होंने कहा, कि अगर उनकी पार्टी किसी भी पार्टी से समझौता करेगी तो वह सशर्त और एजेंडों पर आधारित होगा, वह आज अमृतसर में एक जनसभा में भाग लेने और उस जनसभा को सम्बोधित करने पहुंचे थे
आने वाले विधान सभा के चुनावो के मद्देनजर सभी पार्टियाँ जनता में अपनी पैठ बनाने के चलते जनता के दरबार में पहुँच रही हैं और इसी के चलते पीपल पार्टी ऑफ़ पंजाब द्वारा भी जनसभाओ का सिलसिला जारी है, आज अमृतसर के चौक लच्छमनसर में पीपल पाटी ऑफ़ पंजाब की जनसभा हुई, जिसमे पीपल पार्टी ऑफ़ पंजाब के मनप्रीत सिंह बादल विशेष तौर पर हिस्सा लेने पहुंचे, उन्होंने इस जनसभा को सम्बोधित करते हुए जहाँ पंजाब के हालातो के बारे में आम जनता को बताया, वहीँ आने वाले विधान सभा चुनाव में उनकी पार्टी की सरकार बनाने के लिए उनका सहयोग करने की अपील भी की, इस जनसभा के बाद मनप्रीत बादल ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा, कि पंजाब और देश के बेहतर भविष्य के लिए पीपल पार्टी ऑफ़ पंजाब भारत की दिग्गज पार्टियों बसपा, भाकपाऔर माकपा से हाथ मिला सकती है, उन्होंने कहा, कि अभी तक उन्हें भाकपा  aur माकपा द्वारा गठबंधन का कोई फोर्मल न्यौता नहीं मिला है, पत्रकारों द्वारा पूछे गए सवाल पर की, क्या बहुजन समाज पार्टी से गठबंधन हो सकता है, उन्होंने कहा, कि अभी तक गठबंधन के मामले में बहुजन समाज पार्टी द्वारा उनकी पार्टी को कोई भी ऐसा सन्देश या न्यौता नहीं मिला है और अगर बहुजन समाज पार्टी द्वारा उनकी पार्टी को ऐसा सन्देश या न्यौता मिलता है, तो इस बात पर विचार हो सकता है,  पंजाब के बेहतर भविष्य के लिए उनकी पार्टी समझौते के लिए तैयार है, लेकिन सशर्त समझौते के लिए. उन्होंने कहा, कि अगर उनकी पार्टी किसी भी पार्टी से समझौता करेगी तो सशर्त और एजेंडों पर आधारित होगा, उधर अमृतसर के विधायक कंग के दोबारा शिरोमणी अकाली दल में शामिल होने के पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा, कि कंग के बारे में वह कुछ नहीं कह सकते क्यों कि वह उनसे तीन महीने से मिले नहीं हैं और उन्हें जो रिपोर्ट है, कि तीन महीने से विधायाक कंग अपने घर के दहलीज से भी बाहर नहीं निकले हैं, क्यों कि उनकी आँखों में कुछ दिक्कत है और इसके लिए उन्होंने दिल्ली के आल इंडिया इन्सिच्युट में इलाज करवाने जाने की भी बात कही है, उन्होंने कहा, कि उन्होंने एक नयी पार्टी बनायीं है और पीपल पार्टी में उनकी सदस्यता बरकरार है और उनकी पार्टी में 18 लाख आदमी उनकी पार्टी में भर्ती हो चुके है और उनकी भर्ती मुहीम करीब-करीब पूरी हो चुकी है और इसका डेटा अपलोड हो रहा है और इसका काम 31 अगस्त तक पूरा हो जाने की सम्भावना है, उन्होंने कहा, कि कंग के फैसले पर कि वह किस पार्टी को चुनते हैं, पार्टी से निष्कासित कर दिया जायेगा, पंजाब केबिनेट के नए फैसले पर कि प्राइवेट युनिवर्सिटी को 50000 गज जगह से कम करके 15000 गज जगह में बनाये जाने का नया कानून पास किया जा रहा है, उन्होंने इस बारे में किसी भी जानकारी होने से अनभिज्ञता जताई और कहा कि यह यहाँ का लोकल मामला है और वह इस बारे में कुछ नहीं कह सकते
मनप्रीत बादल ने आने वाले विधान सभा चुनाव के बाद पंजाब में अगली सरकार उन्ही की बनने की उम्मीद जताई, उन्होंने कहा, कि पंजाब के मुख्यमंत्री की बार-बार मनप्रीत बादल के बारे करने का कोई तुक नहीं है, जब उन्होंने मनप्रीत को अपनी पार्टी से निकल ही दिया है और मनप्रीत ने अपना रास्ता चुन लिया है तो फिर मनप्रीत चाहे तख्त पर बैठे या न बैठे उन्हें इससे क्या लेना-देना है, यह उनकी समझ से बाहर है, उधर पंजाब और हरियाणा के बीच पनपे हांसी-बुटाना नहर के विवाद पर उन्होंने कहा, कि वह पंजाब सरकार के साथ कंधे-से-कन्धा मिलकर खड़े हैं और उनकी स्पोर्ट करते हैं, उन्होंने कहा, कि इस मामले में पंजाब सरकार को सभी पार्टियों की एक मीटिंग करनी चाहिए और इस मामले में सभी पार्टियों को एक-जुट होकर सामने आना चाहिए, उन्होंने कहा, कि हांसी-बुटाना नहर से पहले 40-45 साल पहले भाखड़ा नहर पर एक प्रपोजल दी थी, कि वह कुछ पानी राजपुरा को देना चाहते हैं और हरियाणा ने तब ऐसा नहीं होने दिया था और अब वही हरियाणा इस मुद्दे को लेकर लड़ रहा है, उन्होंने कहा, कि जातिवाद का मुद्दा वोटों की राजनीति के कारण ही बना है, उन्होंने कहा, कि आजादी की लडाई में जातिवाद नहीं था, तो फिर आज ऐसा क्यों?

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