Friday, July 15, 2011

खालसा इन्साफ मार्च में उठे कई मुद्दे: एसजीपीएस पर भी साधा गया निशाना :

* 13 महीनों में 26 पवित्र स्वरूप हुए अग्नि भेंट: संगत से उठी वाईट पेपर की मांग 
* सुनहरी अक्षरों वाले स्वरूपों के मामलो में वाइट (सफेद) पेपर जारी करे एस जी पी सी
* प्रो. भुल्लर को दी फांसी की सजा को बताया ना-इंसाफी
लुधियाना 15 जुलाई: विभिन्न मामलों में सिक्ख कौम के साथ की जा रही ना-इंसाफी और शब्द गुरू श्री गुरु ग्रंथ साहब जी की बार बार हो रही बेअदबी के मामलो में सिक्ख संगत को जागरूक करने के उद्देश्य से लुधियाना में आयोजित किये गए खालसा इंसाफ़ मार्च में सैंकड़े सिक्ख नौजवानों,महिलाओ और प्रचारकों ने काली पगडिय़ां और काली पट्टियां बांध कर रोष प्रदर्शन किया.  गुरू के अपमान पर साधी गई चुप्पी के कारण स्पष्ट करने की मांग करते हुए बाईट पेपर जारी करने की मांग भी की गयी. मार्च के नेतायों ने सिक्ख संगत के समक्ष वास्तविक स्थिति स्पष्ट करने की बात करते हुए कहा कि कौन से ऐसे कारण हैं कि वे इन मामलो का विरोध करने की बजाय मामले को रफा दफ़ा करने की कोशिश करते रहे हैं। खालसा इंसाफ  मार्च माडल टाउन लुधियाना स्थित गुरुद्वारा शहीदां से आंरभ हो कर शहर के अलग अलग हिस्सों से होता हुआ डी सी कार्यालय पहुंच कर संपन्न हुआ। मार्च में मौजूद संगत के नेताओ जसविन्दर सिंह बलीएवाल,गुरमीत सिंह मुडिंया और अमरजीत सिंह मैदान ने विशेष के तौर पर खालसा इंसाफ़ मार्च में शिरकत करके नौजवानों का हौसला बढ़ाया। इस अवसर पर मार्च में शामिल सैंकड़ो नौजवानो को संबोधित करते हुए नौजवान नेता गुरदीप सिंह गोशा,बलविन्द्र सिंह भुल्लर, मनविन्द्र सिंह ग्यासपुरा,बलजीत सिंह शिमलापुरी और जरर्नैल सिंह ने पंजाब सरकार और एस जी पी सी पर  काबिज़ लोगो को संबोधित करते हुए शब्द गुरू श्री गुरु ग्रंथ साहब जी की बार बार हो रही बेअदबी और गुरबाणी के शब्द जोड़ बदलने की घटनाओ पर रोष जताते हुए कहा कि 8 जून 2010 से ले कर 7 जुलाई 2011 तक 13 महीनों के अंतराल में पंजाब में विभिन्न स्थानो पर हुई 
10 घटनाओं में सिक्ख विरोधी ताकतों की तरफ से जाग़त ज्योति श्री गुरु ग्रंथ साहब जी के 26 पवित्र स्वरुपों को अग्नि भेंट करने के साथ साथ एक स्थान पर गुरू साहिब के अंगो के टुकड़े टुकड़े करके अपमान किया गया।  और धर्म के ठेकेदारों ने हर बार गुरू के अपमान करने के लिए जि़म्मेवार लोगों पर कानूनी कार्यवाही करवाने की जगह इसको शार्ट सर्कट की घटना बता कर पता नहीं क्यों ख़ामोशी धारण कर ली? सुनहरी अक्षरों वाले पवित्र सरूपों की छपाई का वर्णन करते हुए सिक्ख नेताओं ने कहा कि पंजाब सरकार की तरफ से पंजाब विधान सभा में के पारित किए गए जाग़त ज्योति श्री गुरु ग्रंथ साहब सत्कार एक्ट 2008 और सिक्ख कौम की सर्व उच्च धार्मिक अदालत श्री अकाल तख्त साहिब से जारी हुक्मों के अनुसार श्री गुरु ग्रंथ साहब जी के पवित्र स्वरुपों की छपाई के अधिकार शिरोमणी गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी और दिल्ली सिक्ख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अलावा किसी ओर संस्था को ना होने के बावजूद एक एन आर आई की तरफ से निजी प्रकाशक से छपवाऐ गए पवित्र स्वरूपों की सिक्ख विद्वानों की कमेटी की तरफ से पड़ताल में अनेको गल्तियो की पुष्टि के बाद भी पवित्र स्वरूप एन आर आई को वापिस करने और एस जी पी सी कि निगरानी में गुरूधामों में प्रकाश करने के मामले और व्हाइट (सफ़ेद) पेपर जारी करने की मांग करते हुए कहा कि निजी प्रकाशक से पवित्र स्वरूप छापने और छपवाने की इजाज़त देने वालो के विरुद्ध जाग़त ज्योति श्री गुरु ग्रंथ साहब सत्कार एक्ट 2008 के अंतर्गत कार्यवाही क्यों नहीं की गई? इस का जवाब सिक्ख संगत को दिया जाये। सिक्ख कौम के साथ की जा रही न -इंसाफी बारे बताते उन्होंने कहा कि प्रो.दविन्दर पाल सिंह भुल्लर के मामले में देश की सर्व उच्च अदालत में मामले की सुनवाई कर रहे माननीय न्यायधीशो के बैंच ने सर्वसम्मति के बगैर और बिना किसी गवाह की गवाही के ही बेकसूरे प्रो.भुल्लर को फांसी के तख़ते पर लटकाने के हुक्म जारी कर दिए। वहीं इस मामले में अंतर राष्ट्रीय कानूनों का भी ध्यान नहीं रखा गया। जिन कानूनों के अंतर्गत जर्मनी सरकार के साथ संधि करके प्रो. भुल्लर को भारत लाया गया था। पंजाब सरकार की तरफ से भुल्लर की फांसी पर बहाए जा रहे घडिय़ाली आंसुओं की बात करते हुए उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में दिए हलफऩामे में तो पंजाब सरकार भुल्लर को ख़तरनाक आतंकवादी करार दे रही है और बाहर वोट बैंक पक्का करने के लिए अखबारी बयानबाज़ी में भुल्लर की रिहाई की सर्मथन होने की नौंटकी कर रही है। इस अवसर पर  प्रितपाल सिंह जमालपुर,चरनप्रीत सिंह मिक्की,परमजीत सिंह पम्मा,तरनजीत सिंह मोटी,मनजीत सिंह दुग्गरी,कमलदीप सिंह सेठी,अवतार सिंह दुबई,चरनजीत सिंह (चन्नी फैबरिकस) मनजिन्दर सिंह काला,कमलजीत सिंह,बलजीत सिंह,रणजीत सिंह कौरन,जगजीत सिंह भट्टी,सुरजीत सिंह बाजड़ा,जत्थेदार रणजीत सिंह दिग्पाल,कवलप्रीत सिंह बंटी,अमनदीप सिंह पारस,अमनदीप सिंह राजा,कुलवंत सिंह सलेमटाबरी,प्रितपाल सिंह पाली,सुखबीर सिंह बादल, हरिन्द्रपाल सिंह प्रिंस,गगनप्रीत सिंह,हरमनदीप सिंह डंग, गुरदेव सिंह शिवपुरी,बलजीत सिंह शिमलापुरी,रूचिन अरोड़ा, जतिन्द्र सिंह रिंकू,जसबीर सिंह ज्योति, मनिंदर सिंह मिंटू,प्रवीण लाला ,मनजीत सिंह,रणजीत सिंह शिमलापुरी,परमिन्द्र सिंह, कवलप्रीत सिंह बंटी,सन्दीप राज सिंह,प्रमिन्द्र सिंह रिंकू,अमनदीप सिंह,सनमदीप सिंह,बलजीत सिंह रूबल,हरसिमरन सिंह,हरमनप्रीत सिंह खुराना,परमजीत सिंह परम,हरप्रीत सिंह,जगरूप सिंह,गगनदीप सिंह,गुरजिन्दर सिंह,विपन सिंह,रजिन्द्र सिंह,रणजीत सिंह,जगमीत सिंह,सुरजीत सिंह शीता,हरदीप सिंह,रुपिन्द्र सिंह,गुरजीत सिंह, कंवलप्रीत सिंह डिम्पल,गुरप्रीत सिंह प्रिंस और बीबी सोनीया सिकरी समेत ओर नेता भी उपस्थित थे।  

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