Friday, May 20, 2011

नारी शक्ति के लिए बना एतिहासिक दिन

शुक्रवार 20 मई को भी लोगों का ध्यान फिर खबरों पर केन्द्रित रहा. पशिचमी बंगाल में  लम्बे संघर्ष के बाद प्राप्त हुयी जीत के बाद ममता बनर्जी  राज्य की प्रथम महिला मुख्यमंत्री के तौर पर सत्ता सम्भाल ली. कोलकाता के राज्य भवन में हुए एक समारोह के दौरान राज्यपाल एम् के नारायणन ने ममता को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई. लोगों के साथ और जड़ने की कवायद ममता ने नए पद के साथ और तेज़ कर दे है. शपथ ग्रहण समारोह के तुरंत बाद  के बाद ममता ने मंत्री मंडल के 43 शियोगियों के साथ .राज्य भवन से राज्य सचिवालय तक का आठ सो मित्र लम्बा सफर पैदल तय किया.समारोह में शामिल होने के लिए 3200 निमंत्रित मेहमानों में सोनागाचे में जीवन व्यतीत करने वाली यौनकर्मियों के परिजनों को बुलाया गया था वहीँ नंदी ग्राम और सिंगूर में हुयी हिंसा का शिकार होने वालों के परिजनों को भी विशेष तौर पर न्योता भेजा गया था. .कर्ज़ से कराह रहे बंगाल के सर पर दो लाख करोड़ रूपये का कर्ज़ है और ममता को व्बिरासत में मिला खजाना खाली है. इस खाली खजाने से लोगों को राहत कैसे देनी है और नए कर लगाने से कैसे बचना है यह किसी परीक्षा से कम नहीं होगा. इसके साथ ही माओवाद  की चुनौती भी काफी बड़ी होगी.साथ  ही साथ सी पी एम की नयी रणनीतियों  को कैसे नाकाम बनाना है यह भी बहुत ही अहम बात होगी. इस पर जब जब भी कुछ नया मिलेगा हम आपके सामने लाते रहेंगे. अब चलते हैं अगली खबर की ओर.. यह तो थी एम से ममता बनर्जी की बात अब करते हैं एम से ही मायावती की बात.  दलित समाज के लिए करिश्मा बन कर उभरी मायावती का कहना है कांग्रेस पार्टी किसानो पर फूहड़ राजनीती कर रही है. यूपी की मुख्या मंत्री ने कहा कि कांग्रेस इस तरह कि ओछी राज्नेती  करने से बाज़  आये. गाँव भाता पारसोल में हुयी जांच के दौरान वहां कि राख में से किसी किस्म के मानव अवशेष न मिलने कि रिपोर्ट आने से माया वती सरकार अब कांग्रेस पर पूरी तरह से आक्रामक हो गयी है. गौरतलब है कि यह जांच फोरेंसिक विभाग ने कि ठगी. कांग्रेस कि तरफ से रहुल गाँधी ने आरोप लगाया था कि पुलिस ने महिलायों से बलात्कार किये और किसानों कि हत्याएं करके उनके शव जला दिए. इन आरोपों कि जांच के लिए इस राख के नमूने आगरा स्थित केन्द्रीय फोरेंसिक प्रयोगशाला में भेजे गए थे. रिपोर्ट में मानव अवशेष न मिलने कि पुष्टि हुयी है. अब देखते हैं कि आगे क्या रुख लेता है किसान आन्दोलन. --रेक्टर कथूरिया  

1 comment:

मनोज कुमार said...

हम अच्छे के लिए ही सोचें।