Friday, August 13, 2010

भारत के खिलाफ अब नयी साज़िश....?

भारत सरकार ने ब्रिटिश वैज्ञानिकों की रिसर्च पर आश्चर्य जताया है कि सुपरबग को उन्हों ने भारत से जोड़ दिया है. सरकार ने कहा है कि वह चेतावनी पर एक जवाब तैयार कर रही है. गौरतलब है कि सुपरबग  का कोई इलाज तक भी नहीं बताया गया है.  आप इस पूरी खबर को पढ़ सकते हैं डी डब्ल्यू  पर क्लिक करके. इसी बीच भाजपा के वरिष्ठ नेता एस एस अहलूवालिया ने गुरूवार को कहा कि सुपरबग विदेशी कम्पनियों की तरफ से फैलाई जा रही दहशत हो सकती है. सरकार को संक्रमणों और इलाज के लिए अवश्यक एंटीबायोटिक दवायों का एक रिकार्ड रखना चाहिए. रिपोर्ट के समय को लेकर भी संदेह है क्यूंकि वह ऐसे समय पर सामने आई है जब भारत चिकत्सा पर्यटन के क्षेत्र में बहुत ही तेज़ी से वैश्विक ताकत के रूप में उभर रहा है. कांग्रेस की जयंती नटराज ने भी रिपोर्ट को भारत के खिलाफ दुष्प्रचार बताया. इस पूरी खबर को आप पढ़ सकते हैं पत्रिका में केवल यहां क्लिक करके. इसी मुद्दे को खास खबर ने भी महत्वपूरण जगह दी है.  पत्रकार अंशु सिंह ने भी इस सारे मामले पर काफी विस्तार से लिखा है. वह कहती हैं ब्रिटिश वैज्ञानिकों के हवाले से कहती हैं कि यह सुपरबग आस्ट्रेलिया, कनाडा, हालैंड, अमेरिका और स्वीडन के नागरिकों में भी पाया गया है. इस जीन की उपस्थिति से निमोनिया होने कि आशंका. निमोनिया का इलाज आम तौर पर साधारण एंटीबायोटिक से हो सकता है लेकिन एनएमडी-1 कि वजह से कोई एंटीबायोटिक  काम ही नहीं करता. अगर समय रहते इस पर काबू नहीं पाया गया तो तो स्वास्थ्य के सम्बन्ध में यह  दुनिया की सबसे बड़ी परेशानी होगी. जानेमाने पत्रकार आलोक तोमर की देखरेख में चलने वाले डेट लाइन इंडिया में इसे विस्तार से प्रकाशित किया गया है जिसे आप पढ़ सकते हैं लिंक पर क्लिक करके. बीबीसी की हिंदी सेवा ने भी भारत के पक्ष को महत्वपूरण ढंग से उठाते हुए हवाला दिया है कि स्वास्थ्य मंत्रालय ने इसे भारत के खिलाफ एक दुष्प्रचार बताया है. पूरी खबर आप पढ़ सकते हैं केवल यहां क्लिक करके.यदि आपके पास भी इस सम्बन्ध में कोई ख़ास जानकारी हो तो उसे हमारे साथ भी अवश्य साँझा करें.--रेक्टर कथूरिया 

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