Sunday, August 01, 2010

दोस्ती के रास्ते लम्बे होते हैं

वैसे तो दोस्ती की असल पहचान संकटकाल में ही होती है पर दोस्तों की ज़रुरत हर पल महसूस होती है.ख़ास तौर पर आज फ्रेंडशिप डे के मौके पर.जब कभी ज़िन्दगी में  सभी रिश्तेदार साथ छोड़ जाते हैं उस समय दोस्त ही तो सामने आते हैं.वे पास हों तो ख़ुशी कई गुना बढ़ जाती है.मुसीबतें दुम दबाकर भाग खड़ी होती हैं और अगर वे मुश्किलें बहुत ही बड़ी भी हों तो भी उनसे जूझने का होंसला आ जाता है. यही नहीं मुसीबत भी मज़ा देने को मजबूर हो जाती है.उसे भी दुश्मनी और नफरत भूल जाती है. वह भी दोस्ती करके प्रेम की भाषा बोलने लगती है.
अभी अभी हमारी एक साहित्यकार मित्र Madhu Gujadhur एक खतरनाक फ्लू H1N1 की लपेट में आ गयीं.पर साहित्य साधना के साथ उनका लगाव ही है कि वे बहुत ही तेज़ी से इस बीमारी को हराने में कामयाब हुईं.उन्होंने भी इसका सारा श्री अपने दोस्तों और उनकी दुयायों को दिया. आप उन्हें इसके लिए मुबारक भी दें और साथ ही उनका वह संदेश भी देखें जो उन्होंने आज दोस्ती दिन के मौके पर सभी दोस्तों को दिया है.  अपने सभी मित्रों के नाम एक स्नेहपूर्ण सन्देश .....आज का दिन दोस्ती के नाम पर समर्पित दिन...मेरे सभी मित्रों को मेरा स्नेह, मेरी श्रध्दा ,मेरी शुभकामनाएं , मेरा नमन और कुछ विशेष दोस्तों के नाम मेरा आशीर्वाद भी .... बहुत कुछ कहा गया है, बहुत कुछ लिखा गया है और बहुत कुछ पढ़ा भी गया है फ्रेंडशिप के नाम पर ...मैं तो बस इतना ही कहना चाहूंगी की..... "कहीं तो ये दिल कभी मिल नहीं पाते,कंही पे निकल आयें जन्मों के नाते." ये दोस्ती चीज ही ऐसी है.
इसी तरह साईं बाबा के भक्त और जाने माने संगीतकार Naresh Kumar भी इस दोस्ती दिवस पर पहले से अधिक एक्टिव नजर आये. उन्होंने भी अपने दोस्तों को बधाई भेजी, दोस्ती का फ़राज़ और इसकी ज़रुरत की याद ताज़ा करवाई. गौरतलब है नरेश जी ने हाल ही में साईं की नजरे कर्म रलीज़ की थी और उसके बाद तैयार की है गज़लों की एल्बम वजूद.इन दोनों एल्बमों में उनके संगीत का जादू उन्हें सुन कर ही महसूस किया जा सकता है.इसी तरह Chetan Pandey  ने फेसबुक पर एक मित्र को भेजे एक संदेश में कहा है...
ज़िन्दगी दोस्तों में मिला करती है, 
और ये दोस्त भी अजीब होते हैं, 
देने पे आयें तो जान दे दें, 
लेने पे आयें तो हंसी तक छीन लें, 
कहने पे आयें तो दिल के तमाम राज़ तक कह दें, 
छुपाने पे आयें तो ये तक न बताएं की खफा क्यूं हैं, 
नाराज़ होने पे आयें तो सांस तक ने लेने दें, 
मनाने पे आयें तो अपनी सांसें तक वार दें, 
बस दोस्त ज़िन्दगी में नहीं, 
बल्कि ज़िन्दगी दोस्तों में मिला करती है
....हैपी फ्रेंडशिप डे.... 
इसी सिलसिले में फेसबुक पर हमारे मित्र हैं Jaspreet Singh Khakh
 . उन्हों ने बहुत ही नए ढंग से सभी दोस्तों को एक साथ एक ही जगह पर एकजुट करके इस दिन को मनाया.वे कहां तक कामयाब रहे यह तो एक अलग बात है लेकिन उनकी भावना को मानना पड़ेगा.क्यूंकि इन्सान की तकरीबन सभी बातेंउसके सभी एक्शन भावना से ही तो प्रेरित होते हैं.इस फोटो कोलाज में भी उन्होंने सभी मित्रों को एक साथ इस शुभ दिन को मनाने की दावत पर बुलाया हुआ है. आप इसमें कहां नजर आ रहे हैं इसके लिए आप इसे क्लिक करके बाधा कर सकते हैं.
इस दिन को दुनिया भर में मनाया गया. सेलिब्रेशन पूरी दुनिया में हो तो भला अहमदाबाद कैसे पीछे छूट सकता है. अहमदाबाद में भी युबा लड़कियां एकजुट हुईं और कर दिया ऐलान..कि हम किसी से कम नहीं. दोस्ती की सलामती की दुआ मांगते हुए इनके हाथों में वह जज्बा भी नज़र आ रहा है कि  वे अपनी दोस्ती को बनाये रखेंगी.
पर कभी कभी विपरीत हालत भी हो जाते हैं. मजबूरियां अपना विकराल रूप दिखाती हैं तो दूरियां पैदा हो जाती हैं. जब कभी ऐसा हो ही जाए तो क्या करना चाहिए.अगर तो दोनों तरफ बराबर की अकड़ रही तब तो काम सचमुच खराब पर अगर थोडा हम चलें थोडा तुम चलो तो बिगड़ी हुई बात भी बन जाती है.ऐया कई बार होते मैंने अपनी आंखों से देखा है.इस लिए दोस्ती के प्रेम और रस को कभी भी खत्म न होने देना.आपका यह ख़ास दिन कैसा रहा अवश्य बताएं. --रेक्टर कथूरिया 

1 comment:

समयचक्र said...

सुन्दर अभिव्यक्ति
मित्र दिवस की शुभकामनाये ....