Friday, June 11, 2010

हाथ में बंदूक मन में प्रेम

कौन कहता है कि सेना केवल बंदूक और तोप से बात करती है या बस जंग की भाषा ही बोलती है....तस्वीर में आप देख रहे हैं इस सेनिक को ? कितने प्यार से हाथ मिला रहा है किसी बुज़ुर्ग के साथ. अमेरिकी सेना का यह सेनिक है Staff Sgt. Michael Baldwin जो अफगानिस्तान के लोयघड क्षेत्र के इलाके मिर्सलेह में आते एक गांव में तेनात है. मिलिटरी पुलिस को सहयोग देने के लिए विशेष तौर पर नियुक्त इस सेनिक अधिकारी ने जब 6 जून 2010 को इस बुज़ुर्ग से हाथ मिलाया तो अमेरिकी रक्षा विभाग के लिए Spc. De'Yonte Mosley ने झट से इन पलों की एक यादगारी तस्वीर अपने कैमरे से खींच ली.आपको यह तस्वीर कैसी लगी अवश्य बताईये.  
बन्दूकों और तोपों से खेलने वाले सेनिक कितने भावुक होते हैं इसका अनुमान आसानी से नहीं लगाया जा सकता. किसी की जान लेना या फिर किसी मिशन पर हंसते हंसते अपनी जान देना....कितना कठिन है इसे वही जानता है जिसने इन पलों को जी कर देखा हो. आप सैनिक ज़िन्दगी के ज़रा नज़दीक  जा कर देखें तो हैरान हो जायेंगे कि फौलादी एक्शन लेने वालों में एक मोम का दिल कैसे ? अपनी  इसी तरह जब अमेरिकी नौसेना के  Chief Logistics Specialist Jose Rodriguez को नयी डियूटी पर नियुक्त किया गया तो उसने जलपोत चलने से पूर्व बहुत ही भरे मन से अपनी बेटी से विदा ली.उस दिन 21 मई 2010 की तारीख थी. अलविदा के इन भावुक पलों को अमेरिकी रक्षा विभाग के जनसंचार विशेषज्ञ Rafael Martie  ने तुरंत अपने कैमरे में कैद कर लिया. यह तस्वीर आपको कैसी लगी.आपके विचारों का इंतज़ार तो हमें रहता ही है.
परिवार के साथ मोह और प्रेम ही एक सेनिक को सिखाता है कि उसे इस पूरे देश या फिर पूरी दुनिया को एक परिवार की तरह कैसे मानना है....कैसे जानना है. प्रेम के इस बिंदु से ही उन्हें अहसास होता है विराट का. इसी बूँद से ही तो उन्हें ज्ञान होता है सागर का. इस बड़े परिवार की भलाई के लिए कब कहां शस्त्र उठाना है, कहां दुश्मन को सबक सिखाना है...कहां किसकी जान लेनी ज़रूरी है और कहां ज़रुरत पड़ने पर अपनी जान की कुर्बानी देनी है.ज़रा गौर से देखिये इस तस्वीर को कितना प्रेम और कितना पितृत्व झलक रहा है इस चेहरे से. अमेरिकी वायुसेना के Lt. Col. Jack Barnes जब पिट्सबर्ग में 4 जून 2010 को नयी डियूटी संभालने की तैयारी करके उठे तो अपने परिवार से भी गले मिले.भावुकता के इन पलों को कैमरे में कैद किया Master Sgt. Ann Young ने.आपको यह तस्वीर कैसी लगी.ज़रूर बताएं.                --रेक्टर कथूरिया     

3 comments:

संजय कुमार चौरसिया said...

sainik hi insan hi hota hai
to maanviy samvednayen, laajimi hai, bahut achchhi baat likhi

http://sanjaykuamr.blogspot.com/

Jandunia said...

बहुत बढ़िया रचना

Rector Kathuria said...

Navin C. Chaturvedi ne Facebook par 11 June 2010 ki Shaam ko 8:36 par kaha: ३ तस्वीरें, ३ कहानियाँ, सच में दिल को छू गयीं| शब्दों में इन के बारे में लिखना संभव नहीं हो पा रहा है| शांति दूत अपने मिशन में कामयाब हों, इस से अच्छी और कोई बात हो ही नहीं सकती| साथ ही बड़ा ही दुख होता है जब अशांत क्षेत्रों में बेकसूर लोगों के मरने, लूटने जैसी खबरें आती हैं| सिक्के के दोनो ही पहलू हैं| बुरे की आलोचना तो होती ही है, यहाँ कुछ अच्छा दिखाया गया है, तो उस की तारीफ भी करनी है पड़ेगी| धन्यवाद कथूरिया जी