Monday, May 10, 2010

जब भूख लगती है

दुनिया में प्रेम की तरह भूख भी एक ऐसी जुबान है जिसे किसी को भी सीखना या सिखाना नहीं पढता. इसके साथ ही इसकी एक और खासिअत यह भी है कि यह जाति पाति उंच नीच और रंग नसल भेद को भी मिटा देती है. जैसे नींद आने पर बिस्तर नहीं देखा जाता कि वह कैसा है उसी तरह भूख लगने पर इस बात को नहीं देखा जाता कि भोजन कैसा है, कहां है, उसके साथ क्या है...? इसी तरह की एक हालत उन सैनिक अधिकारिओं की भी हुई जो अफगानिस्तान के एक विशेष टूर पर थे. अमरीकी सेना के एक जनरल David Petraeus ने इंटरनैशनल स्किओरिटी फ़ोर्स के कमांडर पद पर अपनी ज़िम्मेदारी निभा रहे  Stanley  McCrystal, रीजनल कमांड साऊथ के मेजर जनरल Nick कार्टर और अफगानिस्तान में अमरीकी राजदूत Karl Eikenberry भी इस मौके पर उनके साथ थे. जब भूख ने थोडा सताया तो उन्होंने वहीँ कंधार शहर के बाहरी क्षेत्र में बनी एक बेकरी के सामने अफगानी नवयुवकों के साथ मिलकर ब्रैड के साथ अपनी भूख मिटाई. गौरतलब है कि जनरल डेविड अमरीकी सेंट्रल कमेटी के कमांडर भी है.अप्रैल महीने के आखिरी शुक्रवार अर्थात 30 अप्रैल 2010 के दिन भूख मिटाने के इन पलों को अमेरिकी रक्षा विभाग के लिए कैमरे में कैद किया अमेरिकी सेना के Staff Sgt.Lorie Jewell  ने. --रैक्टर कथूरिया 

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