Sunday, April 04, 2010

....और वे मौत के मूंह से भी लौट आये.....!


समुंदर में सोमालिया के किनारे से बहुत ही दूर. एक छोटी सी कश्ती या फिर डोंगा सा कह लो सागर की लहरों से संघर्ष कर रही थी. उसमें बच्चों और महिलाओं सहित कुल 30 लोग थे. जंग जिंदगी और मौत की थी. जब उन्होंने किनारा छोड़ा तब सब कुछ सही था. किनारा दूर छूट जाने के बाद जब वे सागर की लहरों में पहुंचे तो उन्हें लगा कि शैड कुछ तकनीकी खराबी पेश आ रही है. इस तरह कि बातें सागर के जीवन में एक आम सी बात है सो वे विचलित नहीं हुये. पर कुछ देर बाद यही खराबी और गंभीर हो गयी तो इस तरफ पूरा ध्यान दिया गया. जांच होने पर [पता चला कि उस छोटी सी कश्ती के दोनों इंजन फेल हो चुके है. अब ना तो आगे बढ़ा जा सकता था और न ही पीछे लौटा जा सकता था. इस खराबी के बाद एक और मुसीबत सामने आई.कश्ती में रखा भोजन समाप्त होने को था. पीनेवाला पानी बभी केवल चार दिन और चल सकता था.अब उन्हें अहसास हुआ के वे सागर में फंस चुके है. चारो तरफ शोर मचाता खारा खारा समुंदरी पानी जिसमें शार्क भी हो सकती थी और मगरमच्छ भी. अब दुआ के अलावा और कोई चारा भी उनके सामने नहीं था...और उनकी दुआ सुन ली गयी थी. वे अपनी आंखों से अपने बचने का करिश्मा देखने वाले थे. उस समय अदन की खाड़ी में अमेरिकी नौसेना का का एक बहुत बड़ा जहाज़ अपनी रूटीन गश्त पर था.  समुंदरी लूटेरों और डाकुयों के मुकाबले के लिए दिन रात समुन्द्र रक्षा के लिए नियुक्त इस जहाज़ के अधिकारयों ने देखा कि सागर में दूर कहीं काले से धब्बे जैसा कुछ हिल जुल रहा है. और ध्यान से देखा तो पता चला कि यह कोई छोटी सी कश्ती थी. रक्षकों को सतर्क किया गया क्यूंकि इस कश्ती में समुंदरी डाकूयों के होने की आशंका को नकारा नहीं जा सकता था. सतर्कतापूर्ण जांच के बाद जब असल बात सामने आयी तो जहाज़ से आये नौसेना अधिकारीयों ने देखा ये सब तो मुसीबत के मारे लोग थे. न उनके पास भोजन बचा था, न ही दवा दारू और न ही पीने वाला पानी.  बुरी तरह खराब हो चुके दोनों इंजनों वाली यह कश्ती किसी भी समय जलमग्न हो सकती थी. इन्हें तुरंत आवश्यक दवा-दारू और भोजन दिया गया. कंबल दे कर इन्हें कुछ देर आराम करने के लिए जहाज़ में ही जगह दी गयी. यह सब कुछ 25 मार्च 2010 को हुया. ढाई दिन के सफ़र के बाद 27 मार्च 2010 को इन लोगों को किनारे पर ला कर उनके गांव सीलाया में पहुंचाया गया. मौत को एन नज़दीक से देख कर लौटे इन सौभाग्यशालियों के एक नेता अब्दुल रहमान अली ने कहा कि हम तो जीवत बचने की उम्मीद ही छोड़ चुके थे. इस तरह यह सारा मामला बचायो के इतिहास में एक नया अध्याय बन के जुड़ गया. मुझे सारा विवरण भेजा Combined Maritime Forces के लिए अपनी डियूटी निभा रहे अमेरिका के Navy Ensign Colleen M. Flynn ने और अमेरिकी जल सेना के लिए इन पलों को कैमरे में कैद किया है Petty Officer 3rd Class Cory Phelps ने.आपको इसका हिंदी कथा रूप कैसा लगा अवश्य बताएं.           --रेक्टर कथूरिया 

1 comment:

Anurag Geete said...

प्रकृति के आगे सब बौने है.